फ्रेंड्स : मैं रेखा गुप्ता (बाटकी) से। आप में से शायद ही किसी को पता हो कि मैं एक हिंदी ब्लॉग राइटर भी हूँ और मेरा ब्लॉग आज बहुत दिनों के बाद कुछ ऐसा विषय मिला जिस पर मुझे कुछ लिखने का मन हुआ। विवादास्पद विषयों से में अपने लेखों को हमेशा दूर रखती हूँ। हाँ, जिसमें सच्चाई हो और मुझे लगता है कि यह एक साधारण व्यक्ति की सोच या आवाज हो सकती है, उन सब विषयों के बारे में मैं अपने ब्लॉग में लिखने की कोशिश अवश्य करती हूँ।
नारी शक्ति की बात हम सब हमेशा करते है और जानते भी है कि नारी प्रेरणा का स्त्रोत है। अपनी इसी सोच के साथ मैंने 8 मार्च 2022 को अपना घर से बनी आइसक्रीम का सूक्ष्म उद्द्यम शुरू किया था और मुझे बताने में बहुत खुशी और गर्व महसूस हो रहा है कि बड़े बड़े ब्रांड्स पहले से ही बाजार में होने के बावजूद मेरे द्वारा बनाई गई आइसक्रीम को लोगों ने बहुत पसंद किया। एक बार जिसने बाटकी आइसक्रीम का स्वाद ले लिया वह उसी का होकर रह गया।
अपने बच्चों की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद अब वक्त था 'अपना कुछ करने का सपना '।और अपने परिवार के सदस्यों के साथ सकारात्मक चर्चा के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुँची कि मुझे वह करना है जो मुझे खुशी देता है और आइसक्रीम बनाना मेरे लिए उस खुशी में से एक था।अपने बच्चों और पति के पूर्णतः सहयोग के साथ मैंने सम्पूर्ण व्यावसायिक तरीके से 'बाटकी' की शुरुआत की। अपने दोस्तों, परिवारजनों का मुझे बहुत सहयोग मिला। 8 मार्च 2022 को मैंने आधिकारिक रूप से बाटकी का प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया और गर्व के साथ यह कह सकती हूँ कि मुझे कभी यह सोचने की जरुरत ही नहीं पड़ी कि आज कोई आर्डर ही नहीं आया। बहुत सारे लोग मुझे अपना प्रेरणा स्त्रोत समझने लगे। और इन्ही गौरवान्वित पलों ने मुझे यही सोचने को मजबूर कर दिया कि क्या 2022 का महिला दिवस मै अपने आप को समर्पित कर सकती हूँ ? इस निश्चल पथ की एक साल की यात्रा में मुझे अनेक प्रेरणादायी लोगों से मिलने का सौभाग्य मिला और उनका अटूट प्रोत्साहन भी। यक़ीनन सब ने मुझे बहुत प्रभावित किया उन सबका मैं ह्रदय से आभार व्यक्त करती हूँ, लेकिन आज मैं मेरे ब्लॉग "रेखा की नज़रों से" में एक ऐसी शख्सियत के बारे में लिखने जा रही हूँ जिसने मुझे अल्प समय की एक यादगार मुलाक़ात में बहुत ज्यादा प्रभावित किया और आगे की पंक्तियों में आप उनके बारे में पूरा जान जायेंगे ।
इन दिनों अपने बिज़नेस को बूस्ट करने के लिए बहुत से व्हाट्स एप्प और फेसबुक ग्रुप बने हुए है जो उस ग्रुप की सदस्यता के लिए कुछ आर्थिक मदद चाहते है और बिज़नेस को अपने ग्रुप में प्रमोट करने का मौका देते है। पर अपने बिज़नेस की शुरुआत होने के कारण मैं किसी को भी वार्षिक सदस्यता का पैसा नहीं दे सकती थी और मैं अपने ही प्रयासों से आगे बढ़ने लगी। कोई दो राय नहीं है कि मेरे प्रयासों को सफलता भी मिल रही थी पर वह थोड़ी धीमी थी। अपने वेंचर के एक साल शुरू करने के बाद मेरे पंखों को और फैलाने के लिए मेरी एक प्रिय मित्र अपर्णा ने मुझे एक ग्रुप से परिचित कराया।और यह भी बता दिया कि यह कोई चार्ज नहीं करता है और इस ग्रुप का नाम है " मीट एंड ग्रीट" ग्रुप। जिसकी एडमिन प्रियंका वर्मा हैं।और मेरा संपर्क प्रियंका से करवा दिया। जैसे ही मैंने प्रियंका से संपर्क साधा उनका तुरंत मेरे पास कन्फर्मेटरी मैसेज आया और मैं इस ग्रुप की सदस्य बन गई। जानकर खुशी हुई कि मैं इस ग्रुप की 600 वीं सदस्य थी। मेरे लिए बहुत खुशी की बात थी कि एक ही ग्रुप के माध्यम से मुझे इतने सारे लोगों से जुड़ने और उनको जानने का मौका मिलेगा। इस ग्रुप की ख़ास बात यह थी कि आप अपने बिज़नेस के बारे में हर बार बात नही कर सकते है लेकिन हाँ, अन्य किसी के उत्पाद की दिल खोल कर प्रशंसा कर सकते है, जाहिर है उस उत्पाद की श्रेष्ठ गुणवत्ता के आधार पर।ग्रुप में किसी को किसी भी तरह की कुछ भी जानकारी यदि पता करनी है, चाहे वो डॉक्टर से सम्बंधित हो या नौकरी से या शिक्षा से या अन्य किसी भी तरह की जिज्ञासा, इस ग्रुप में पूछने पर इसके सदस्य तो इसका जवाब देते ही है पर इसकी एडमिन प्रियंका बिना किसी देरी के तुरंत उत्तर देती है फ़ोन नंबर दे देती है और इसके बाद भी सम्बंधित व्यक्ति को समस्या का हल देने या सुझाव देने के लिए कहती है।समय-समय पर अलग-अलग तरह के कार्यक्रम कराती रहती है ताकि ग्रुप के सदस्य एक दूसरे से मिल भी ले और अपने सोशल सर्कल को भी बढ़ा लें।पता नहीं वह इतना सब कुछ कैसे कर लेती है, कैसे हमेशा इतनी सक्रिय रह लेती है ? साथ ही यदि कोई ग्रुप और उसके नियमों को लेकर दुरूपयोग करता है तो तुरंत उसके विरोध में कार्यवाही भी करती है। प्रियंका यह सब कैसे मैनेज कर लेती है मेरे लिए तो यह एक पहेली ही है।
"मीट एंड ग्रीट" को ज्वाइन करने के 15 दिन बाद ही इस ग्रुप का एक मिलन समारोह था जिसमें मैं भी शामिल हुई थी। पहली बार मैं प्रियंका से मिली थी वहाँ जैसे ही उसने मुझे देखा पूरी गर्मजोशी के साथ मेरा स्वागत किया, मुझे लगा ही नहीं कि मैं पहली बार उस से मिल रही हूँ। 4 घण्टे के इस कार्यक्रम में वह स्वयं तो पुरे जोश में थी ही, साथ ही सभी का उत्साहवर्धन भी कर रही थी। सब को एक साथ लेकर चलना, सभी का पूरा ध्यान रखना और प्रत्येक व्यक्ति की उपस्थिति को महत्व देना ,यह सभी कार्य एक साथ एक महिला ही कर सकती है, और वह मैंने प्रियंका में देखा है। इतना सब कुछ करने के साथ-साथ वह एक खुश मिजाज व्यक्तित्व वाली महिला है और 2023 के महिला दिवस पर मैं यह कह सकती हूँ कि मैं प्रियंका जैसी सशक्त महिला से मिली हूँ । जिसके लिए नियम 'नियम' है और वह सभी के लिए समान है। जितनी वह नियमों को लेकर अनुशासित है उतनी ही बिंदास खुशमिजाज भी है। अपने साथ ऐसे व्यक्तित्व को देख कर स्वयं पर गर्व होता है। अपना 2023 का महिला दिवस मैं "मीट एंड ग्रीट' की एडमिन प्रियंका को समर्पित करती हूँ।
आप बहुत अच्छे से लिखती हैं साधारण आम भाषा के शब्दों का उपयोग करती हैं। शब्द कानों से मस्तिष्क और फिर मन पर छाप छोड़ने वाले बन जाते हैं। आपको ढेर सारी शुभकामनाएं लिखने के लिए और आपके आइस्क्रीम व्यवसाय के लिए। धन्यवाद